अनंत यात्रा के पथ पर,
यह जीवन बढ़ता जाता प्रतिपल ,
राह कभी पथरीली होती,
वक्र कभी और कभी सरल।
जीवन में आवें जब मरुस्थल ,
याद करो तब नंदन-कानन ,
जीवन के सुरभित से वे पल ,
देंगे तुमको तत्क्षण संबल।
अनंत यात्रा के पथ पर ,
यह जीवन बढ़ जायेगा अविचल।
अनंत यात्रा के पथ पर ,
यह जीवन बढ़ता जाता पल-पल।
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2 comments:
Bahut sahi kaha hai.Jeevan ek yatra hi hai.Bus hame chalte rahna hai.Bina dare,Bina thake.Bus chalna hi hamare hath mein hai.
Beautiful..I hope to read more of such masterpieces!!
Regards,
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